Sunday 10 January 2016

साहब ! प्लीज फायर ब्रिगेड भेज दो...


लल्लू पंसारी ने घटतौली  और मिलावट  से नंबर दो का माल खूब अंदर किया। हाल में उसने एक बहुत बड़ा गोदाम  किराए  पर लिया है। वहां...बेईमानी  से जोड़ी गई खून पसीने की कमाई का पूरा माल स्टोर कर रखा है। एक रात 12 बजे नौकर  फोन कर लल्लू को बताता है कि साहब गजब हुई गवा...।  गोदाम  मा आगी लाग गई है। वो...आप इस बार दिवाली पर बेचे के लिए जो घटिया  पटाखे स्टोर करे राहो...ऊमा   गलती से एक मजदूर की बीड़ी छुई गई। अब धूम-धड़ाम हुई रहा है....आगी  बुझावे  वाले भेजो....हाई दइया  आपका  सारा  नंबर दुई का गेहूं जल गवा है। यह सुनते ही लल्लू के पैरो तले जमीन खिसक जाती है....। वह भागकर  गोदाम  पहुंचते है और वहां से फायर बिग्रेड को फोन मिलाते  हैं....पेश  हैं उनके  वार्तालाप के अंश...। 

फोन की घंटी ट्रिन-ट्रिन बजती है। एक शख्श फोन उठाता  है।

दमकल कर्मीःहैलो...कौन बोल रहा है...
लल्लूः अरे साहब, यहां आग लग गई है जल्दी से गाड़ी भेजो...।
दमकल कर्मीःशांत हो जाइए....पहले लंबी सांस लीजिए खुद को स्थिर कीजिए...।
लल्लूः (लंबी सांस खींचकर) हां...साहब शांत हो गया।
दमकल कर्मीःअब पहले एक गिलास पानी पीजिए....।
लल्लूः बे कल्लू...एक गिलास पानी ला...जल्दी....(एक मिनट बाद पानी पीकर) हां...पी लिया....।
दमकल कर्मीः अब अपने मन को स्थिर कीजिए....।  पांच मिनट का ध्यान धरिए...।
लल्लूः ...अबे तू दमकल वाला है या फिर कोई योगा वाला....यहां आग लगी हुई है और तू मुझे योग सिखा रहा है....।
दमकल कर्मीः चलिए...अच्छा  ये बताइए....आपका   नाम क्या है....।
लल्लूः हां....लल्लू पंसारी....।
दमकल कर्मीः(धीरे से...)  चलिए अब ये बताइए...आपके माता-पिता का नाम क्या है....।
लल्लूः (गुस्से में) अम्मा का नाम मालती देवी, बप्पा का नाम गुलशन...बहन का नाम खुशबू...भाई का नाम गुलाब...और कुछ बे...।
दमकल कर्मीःमैच नहीं करता है....
लल्लूःक्या नहीं मैच करता है....(अचानक) अरे  दमकल  भेजो साहब यहां गोदाम  के दो कमरे पूरी तरह से जल गए हैं....साहब।
दमकल कर्मीःआपका  नाम आपकी फैमिली से मैच नहीं करता है। आपने मालती, गुलशन, खुशबू और गुलाब नाम बताया ये सब फूलों से जुड़े हुए नाम हैं....अब ये बताइए आपका नाम ही लल्लू क्यों रखा गया।
लल्लूःअरे गोली मार नाम को....दमकल भेज यहां सब जला जा रहा है।
दमकल कर्मीः चलिए  अपना गोत्र बताइए....।
लल्लूःक्या मेरा पिंडदान  करना है क्या.....(रोते हुए) हाय मैं बर्बाद हो रहा हूं....कोई बचा लो....।
दमकल कर्मीःआप फिर भावुक हो रहे हैं...खुश रहिए प्रभु सब अच्छा करेगा। चलिए ये बताइए आप मूलरूप  से कहां के रहने वाले हैं।
लल्लूः(छाती पीटकर रोते हुए) ....मुसवापुर का....।
दमकल कर्मीःआपके खानदान से कौन इस शहर में आया था और शुरूआत में क्या काम डाला था...।
लल्लूः हाय मइया...मैं तो लुट गया....गोदाम का बस एक कमरा ही बचा है।...फायर बिग्रेड भेज दो साहब....।
दमकल कर्मीःचलिए आप ये बताइए....आप व्यापार किस चीज का करते हैं....।
लल्लूः हाय राम...उस कमरे में भी आग लग गई है साहब...प्लीज गाड़ी भेज दो....।
दमकल कर्मीः चलिए...ये न बताइए....ये बताइए आपके व्यापार का साल में टर्नओवर  कितने का है...।
लल्लूः हाय...अम्मा मर गवा...लुट गवा....।
दमकल कर्मीः (धीरे से) अपनी मां को क्यो दोष दे रहे हैं...यह  तो सब ऊपर वाले की माया है....।
लल्लूः(फोन से कोई जवाब  नहीं आता है)
दमकल कर्मीः हैलो...हैलो...हैलो  ....कोई  है....

(थोड़ी देर बाद लल्लू का नौकर फोन उठाता  है और जवाब देता है)

नौकरः सेठ जी का गोदाम  पूरा जल गवा है....सेठ  जी बेहोश हुई गए हैं....उन्हें अस्पताल ले गए हैं....। अब आवे की कोई जरूरत  नाही....मौज करो।

दमकल कर्मीः गलती से आपका नंबर कस्टमर केयर में लग गया है....। ये नंबर काल सेंटर का है....धन्यवाद।

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