किसी जमाने में एक राजा की 60 वर्ष की आयु में शादी तय हुई। राज्य में रिंग सेरेमनी का आयोजन रखा गया। इसके लिए 20 लाख स्वर्ण मुद्राओं का बजट जारी किया गया। प्रधानमंत्री ने 10-20 फीसदी कमीशन लेकर डीजे, फिल्म स्टार, कैटर्स, इवेंट कंपनी वालों को इंतजाम का ठेका दे दिया। उस दौर के सबसे घटिया होटल में फाइव स्टार का बोर्ड लगवाकर मेहमानों को रुकवा दिया गया। पूरी रात मेहमान पानी और खाने के लिए रिरयाते रहे लेकिन होटल वालों ने उन्हें कुछ नहीं दिया। अगले दिन सुबह सेरेमनी शुरू होने से पहले ही मेहमान खाने पर भूखे भेड़ियों की तरह टूट पड़े। अचानक सभी ने एक-एक कर चिल्लाना शुरू कर दिया।...ये क्या दाल में तो कंकड़ हैं...देखो मेरा एक दांत टूट गया। अरे...ये दूध तो पानी से भी पतला है...उल्टी हो रही है। आक थू...ये पनीर है या फिर कुछ और। अरे ये देखो आटे की रोटियों की जगह भूसे की रोटियां बनाई गई हैं। मेहमानों को गुस्सा देख राजा भड़क गए। उन्होंने तुरंत प्रधानमंत्री को बुलाया और पूछा ये क्या हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा सर, मेहमान खाने में मिलावट की शिकायत कर रहे हैं। राजा ने प्रधानमंत्री को तुरंत एक जांच कमेटी बनाकर दोषियों को जल्द हाजिर करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने कहा महाराज, जांच कमेटी के ऊपर करीब पांच लाख स्वर्ण मुद्राओं का खर्च आएगा। राजा ने तुरंत राजकोष से पैसा जारी करवा दिया। करीब एक सप्ताह बाद प्रधानमंत्री ने दरबार में मामले की जांच रिपोर्ट पेश की। वह रिपोर्ट इस प्रकार है।
आदरणीय महाराज,
हमारी 15 सदस्यीय जांच कमेटी में प्रधानमंत्री को छोड़कर 14 लोगों के नाम गोपनीय रखे गए हैं ताकि हमें कोई पहचान न सके। आपकी सेरेमनी से लिए गए फूड सैंपल की हमने गहन जांच की तो ये परिणाम सामने आए।
दाल में कंकड़- हमने पाया कि इस मामले में कैटर्स, थोक और फुटकर विक्रेता पूरी तरह से चंदन की तरह स्वच्छ हैं। जिस किसान के खेत से यह दाल चली थी वहां एक दिन पहले आंधी आई थी,संभव है कि उस आंधी में कई कंकड़ आ गए हो और दाल में मिल गए हों। इसके लिए पूरी तरह से आंधी जिम्मेदार है।
दूध में पानी- दूध की पड़ताल करते हुए हमारी टीम मिल्कीपुर पहुंची। वहां हमने उस गाय के दूध के सैंपल लिए जिसकी सप्लाई आपकी सेरेमनी में हुई थी। हमें पता चला कि उस दिन गाय ने जरूरत से ज्यादा पानी पी लिया था। इस कारण दूध में पानी की मात्रा बढ़ गई। इस मिलावट के लिए वह गाय पूरी तरह से दोषी है। इसी तरह पनीर में भी जो खामियां मिली थीं, उसके लिए भी वह गाय ही उत्तरदायी है।
भूसे वाली रोटियां - जब हम गेहूं की जांच करने खेत में पहुंचे तो पता चला कि जिस मशीन से गेहूं काटा जाता है उसमें कुछ तकनीकी खामी थी। इस कारण गेहूं और भूसा मिक्स हो रहा था। इस मिलावट के लिए किसान को दोषी ठहराना ठीक नहीं होगा। यह सब उस मशीन की तकनीकी खामी के कारण हुआ। इसलिए दोषी भी वही है।
महाराज जांच के दौरान आपकी ओर से जारी किया गया बजट खत्म हो गया है। अब प्रधानमंत्री अपनी जेब से हमारा खर्च उठा रहे हैं। यदि जांच को आगे बढ़ाना है तो पांच लाख स्वर्ण मुद्राओं का अतिरिक्त बजट जारी करें ताकि विस्तार से मामले की गहराई में पहुंचा जा सके।
यह पढ़कर राजा अपना माथा पकड़ लेते हैं और कहते हैं बंद करो ये जांच-वाच। प्रधानमंत्री धीरे से कहता है सर, बीते कई दिनों से लगातार काम करने के कारण मैं एक दिन भी छुट्टी नहीं ले पाया हूं। मैं अपने पुरखों की आत्मा की तृप्ति के लिए गया जाना चाहता हूं, मुझे कृपया 15 दिन की छुट्टी दे दीजिए। राजा सहमति दे देते हैं।
अगले दिन प्रधानमंत्री के खाते में शहर के व्यापारियों और कैटर्स की ओर से पांच लाख स्वर्ण मुद्राएं जमा कराई जाती हैं। एक कार उन्हें उत्कृष्ट कार्य के लिए गिफ्ट में मिलती है। साथ ही फॉरन टूर के लिए 15 दिन का फैमिली टिकट भेजा जाता है। प्रधानमंत्री परिवार के साथ विदेश रवाना हो जाते हैं।
No comments:
Post a Comment