Saturday, 9 January 2016

सीनियर मंत्री की पोस्ट और इंटरव्यू


किसी  राज्य में एक बार  सीनियर  मंत्री की पोस्ट के लिए  पोस्ट ग्रेजुएट आवेदकों  से आवेदन आमंत्रित किए गए। उस दौर के जाने-माने बेरोजगारों  ने ईमानदारी  से उस पोस्ट के लिए आवेदन किए और लिखित परीक्षा की तैयारियों  में जुट गए। वहीं,  मंत्रियों और अफसरों  के सिफारिशी चेलों के नाम पैनल को सेलेक्शन के लिए चुपके  से ईमेल कर दिए गए। लिखित  परीक्षा में पढ़े-लिखे बेरोजगार शॉर्ट लिस्ट हो गए...ऐसा होना भी था, क्योंकि यह व्यवस्था शाश्वत काल से चली आ रही है और चलती रहेगी।  फाइनल  राउंड के लिए रह गए सिफारिशी  चेले। इंटरव्यू लेने वाले पैनल के सामने सबसे बड़ी दुविधा  थी कि दस में किसी एक सिफारिशी  का चयन करना है। ऐसे में नौ मंत्रियों और अफसरों  से कौन बुराई  ले।  वह इसलिए  भी क्योंकि कई बार अपने काम भी उनसे पड़ते हैं....तब  कैसे मुंह दिखाएंगे। तय हुआ कि जब तक इंटरव्यू न हो तब तक सब लोग अपने मोबाइल  बंद रखेंगे। इंटरव्यू वाले दिन पैनल ने एक-एक कर आवेदकों  को बुलाया...।   पहले  आवेदक  से पूछा कितना  पढ़े-लिखे हो...जवाब  मिला सर, एमए पास हूं....।  यहां किसने  भेजा है...सर  लेखा विभाग के बड़े बाबू ने। सीनियर  मंत्री बनकर क्या करोगे....।  सर, देश के विकास  के लिए नई योजनाएं  बनाऊंगा...इसे  टूर हब के रूप  में डेवलप करूंगा।  ज्यादा से ज्यादा लोग यहां घूमने आएंगे और राज्य में रोजगार  के अवसर बढ़ेंगे। पैनल के सदस्य अपना सिर पकड़कर  बैठ गए। कहा जाओ...हम  जल्द तुम्हें रिजल्ट बता देंगे। इसी तरह  श्रम मंत्री, कोतवाल,  सीनियर  मुंशी,  हेड मुहर्रिर, सिंचाई  मंत्री, नेता विपक्ष समेत नौ सिफारिशी  आवेदक पहुंचते  हैं। सभी देश की तरक्की और उन्नति के लिए लंबे-चौड़े प्लान रखते हैं और अपनी भविष्य की योजनाएं  बताते हैं।  पैनल सभी को विदा कर देता है। अंत में आखिरी  आवेदक  को बुलाया जाता है।  आवेदक  पैनल के सामने रंगबाजी  से पहुंचा और कॉलर  ऊंची कर बिना पूछे कुर्सी पर बैठ गया। युवक बोला...आप  लोग कुछ पूछे  इसके पहले मैं कुछ बातें साफ कर देना चाहता हूं। मैं दूर के रिश्ते में इस देश के राजा की मौसी के नाती का लड़का हूं। मैं पांचवी  पांच बार फेल हूं। फर्जीवाड़े के मामले में दो बार जेल जा चुका हूं। मेरी नजर में भ्रष्टाचार में कोई खराबी  नहीं है। अरे...ऊपरी  कमाई से ही आदमी का लिविंग स्टैंडर्ड बढ़ता है। जब अच्छा कमाएगा  तभी अच्छा सोच पाएगा।  और हां...अब  ये मत पूछिएगा  कि इस राज्य की बेहतरी  के लिए आपके  पास क्या योजनाएं  हैं...। मेरे पास जो भी योजनाएं  हैं उनसे न केवल मैं जमकर  माल कमाऊंगा  बल्कि आप लोगों तक भी हिस्सा पहुंचाऊंगा।  इस देश की सड़कों, पुलों और निर्माण से जुड़े सभी ठेकों को उठाने का राइट मैं आपको दूंगा। उसके बदले मैं 20 फीसदी  खुला कमीशन लूंगा। और एक चीज और मान लीजिए किसी घोटाले  में आप पकड़ जाए तो उससे बचाने की गारंटी  भी मैं लूंगा। मैं अपने चेलों की जांच समिति से आपके  भ्रष्टाचार की जांच कराऊंगा  और कुछ समय बाद आपको क्लीन चिट भी दिला दूंगा। आप जितने भी लोग यहां बैठे हो...मैं  सबसे वादा करता हूं कि मेरे सीनियर  मंत्री बनते ही आप सबको  आउट आफ टर्न प्रमोशन मिल जाएगा। साथ ही सरकारी  फ्लैट और अन्य सुविधाएं  अलग से। मैं आपसे वादा करता हूं कि यदि मैं एक साल भी इस कुर्सी में टिका रह गया तो मैं एक साल के भीतर अलग राज्य बना लूंगा और यह राज्य अपने राज्य में मिला लूंगा। आप जितने भी लोग यहां बैठो हो सबको मैं किसी न किसी महकमे का मंत्री बना दूंगा। फिर हम मिलकर जनता का खून चूसेंगे। पैनल के सदस्य खड़े होकर तालियां  बजाने लगते हैं....गुड ....ऐसे  ही दावेदार  की तलाश  थी हमें....। बधाई हो...हमारी  तरफ से आप इस राज्य के सीनियर  मंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त दावेदार  है। धन्य है यह राज्य जहां  आप जैसी विभूति का जन्म हुआ। पैनल उसे कंधे पर बैठाकर  राजा के सामने ले जाता है। वहा उसकी प्रतिभा का लंबा-चौड़ा गान होता है फिर उसे सीनियर  मंत्री की कुर्सी में विराजमान  करा दिया जाता है। सुना है कि उस सीनियर  मंत्री ने पद संभालते  ही सबसे पहले पैनल के सदस्यों को भ्रष्टाचार के आरोप  में जेल में डलवा दिया है। अब वह अकेले ही सारा माल अंदर कर रहा है।

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