अखिल भारतीय सास पंचायत में देश भर की जानी-मानी सासों ने विचार रखे। एक सास के भाषण को अत्यंत उत्कृष्ट कोटि का माना गया और पुरस्कार दिया गया। पेश है उस अद्भुत भाषण के अंश...।
नमस्कार, मेरी बहनों, आज बहुत दिन बाद हम यहां इकट्ठा हो सके हैं। मैं आपको अपनी बहू के बारे में क्या बताऊं....। जब से वह आई है तबसे मेरे घर के हालात बदल गए हैं। महारानी सुबह छह बजे सोकर उठती है...बताओ ये भी कोई समय है। अरे सोकर उठना ही है तो सुबह चार बजे उठो। महारानी, बच्चों का नाश्ता जैसे-तैसे बनाकर स्कूल भेजती हैं। कई बार देर हो जाती है। कई बार इतना व्यस्त हो जाती है कि मेरे बेटे को आफिस बिना चाय और नाश्ते के ही जाना पड़ता है। शाम को बच्चो को पढ़ाने में ऐसा मशगूल हो जाती है कि खाना बनाने का ध्यान ही नहीं रहता। कई बार तो मेरा बेटा रात में 12 बजे खाना खाते हुए दिखता है। अब बताओ ये कोई खाने को समय होता है। दिन भर कुछ न कुछ खटर-पटर करती रहती है....। पता नहीं क्या काम किया करती है। मुझे तो लगता है कि वो मुझे काम के जरिए डिस्टर्ब करने की कोशिश करतीहै। मैंने बेटे को कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वो पगला है कि सुनता ही नहीं। (मुंह बनाते हुए) न जाने पिछले जन्म में कोई पाप किए होंगे जो ऐसी बहू मेरे मत्थे आ मढ़ी। मुझे तो अब बेटे की मूर्खता पर काफी हंसी आती है। जो आदमी अपनी पत्नी को टाइट नहीं कर सकता है वह बच्चों पर क्या अनुशासन रखेगा। देखो...आगे क्या होता है। चलिए...अब मैं आपको बताती हूं अपने दामाद के बारे में। आहा...दामाद नहीं देवता कहिए। जबसे मेरी बेटी से उसकी शादी हुई है तबसे उसके भाग्य ही खुल गए हैं। दामाद जी रोज सुबह खुद उठकर उसके लिए चाय बनाते हैं....। बिटिया से कहते हैं तुम आराम से सोओ मैं सारे काम कर लूंगा। मेरी बिटिया दोपहर 12 बजे तक आराम से सोती है। आपको हैरत होगी कि नाश्ता और खाना भी दामाद जी खुद ही तैयार करते हैं। अपना टिफिन और बच्चों का टिफिन भी खुद ही बनाते हैं। सभी रिश्तेदारों का कहना है कि वो खाना बहुत लाजवाब बनाते हैं। आप उनके हाथ की दाल रोटी और सब्जी खा लो...(मुंह बनाते हुए) अंगुलियां चाटते रह जाओगे। पिछली बार मेरी बेटी के बर्थडे पर उन्होंने शाही पनीर और नान खुद बनाई थी....क्या गजब खाना था। लोग तारीफ करते हुए नहीं थके थे। कई बार तो वे अपने और बच्चे के कपड़े भी खुद धो देते हैं। बताओ ऐसा दामाद मिलेगा कहीं....(सभा में बैठी सासों ने तालियां बजाकर हर्ष जताया) । (गर्व से) जरूर...पिछले जन्म में मैंने मोती दान किए होंगे जो ऐसा हीरा दामाद मिले। भगवान ऐसा दामाद सबको दे....। सभा में जोरदार तालियों के साथ उनका अभिवादन होता है। साथ ही उन्हें दुनिया का सबसे बेहतर दामाद चुनने के लिए पुरस्कृत किया जाता है।
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