Sunday 8 February 2015

मौजी के िदल से...

िदल की बात िदल से ही कही जा सकती है। िकसके िदल में कब क्या चलता है और क्या पलता है कोई नहीं बता सकता। हां, एक चीज जरूर ऐसी है जो हमारे िदलों में जगह बना देती है...वो है िदल को छूने वाली बात। इस ब्लाग के जरिए मैं ऐसी ही चीजे कहने और िदखाने की कोिशश करूंगा जो आपके िदल को छू जाए। यदि आप वाह या िफर आह कह उठेंगे तो मैं समझूंगा मैं सही रास्ते पर था। हां...एक बात और। इस ब्लाग से जुड़ने के िलए आपको भी अपना िदल थोड़ा मेरे करीब लाना होगा। हम बात सिर्फ वहीं करेंगे जो देखेंग और महसूस करेंगे। ....तो िमत्रों बहुत-बहुत धन्यवाद यह पोस्ट पढ़ने के िलए...। आगे भी इसी तरह अपना प्यार देते रहिएगा...।

 

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